Click Here To Read - ENGLISH LANGUAGE
भाग - 8
मनुष्य समाजिक परम्पराओ से बंधा रहता है। अपने जीवन की उन्नति के लिए समाजिक व असमाजिक वास्तु का उपभोग करता है। जीवन को तपस्य और उपवास की ज्योति से चलाते है। ताकि अंत में मोक्ष और शांति प्राप्त हो। जब हम अच्छे फल, ताजा सब्जिया, अच्छे संस्कार से भरे हुए है। तो मन और तन से शुद्ध करनेवाले विचार बाहर निकले। यह तभी सम्भवः है जब मनुष्य अपने अंदर की पैदा होने वाली सभी अशुद्ध बातों को निकल दे। क्योकि बाहर से आने वाली शुद्ध-अशुद्ध वास्तु व भोजन पेट में जा कर संडास से बाहर निकल जाती है। पर मन साफ़ न हो तो अंदर से उत्पन होने वाली अशुद्ध बातें मनुष्य को नरक कुंड में गैर देती है। जैसे : - बुरे विचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, पराई स्त्री, लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, निंदा, अभिमान, झूठी गवाही और मूर्खता। ........ यही सब भीतर से निकल कर मनुष्य को अशुद्ध करती है। प्रभु कहते है अशुद्ध होने से बचो।
पवित्र बाइबिल की पक्तियां 14 - 23 मरकुस की पुस्तक भाग - 7, में प्रस्तुत और मत्ती की पुस्तक भाग - 15 की पक्तियां 10-20 में प्रस्तुत है। ऐसी कोई वास्तु नहीं जो मनुष्य को बाहर से आकर अशुद्ध करे। वह अंदर ही छुपी उसे अशुद्ध करती है।
14. तब उसने लोगो को अपने पास बुलाकर उनसे कहा - तुम सब मेरी सुनो, और समझो।
15. ऐसी कोई वास्तु नहीं जो मनुष्य में बाहर से समाकर उसे अशुद्ध करे, परन्तु जो वस्तुएँ मनुष्य के भीतर से निकलती है , वे ही उसे अशुद्ध करती है।
16. यदि किसी से सुनने के कान हो तो सुन ले।
17. जब वह भीड़ के पास से घर में गया। जो उसके चलो ने इस दृष्टांत के विषय में उसे पूछा।
18. उसने उनसे पूछा क्या तुम भी ऐसे नासमझ हो। क्या तुम नहीं समझते की जो वस्तु बाहर से मनुष्य के भीतर जाती है। वह उसे अशुद्ध नहीं कर सकती।
19 . क्योकि वह उस के मन में नहीं। परन्तु पेट में जाती है और संडास से निकल जाती है। यह कह कर उसने सब भोजन को शुद्ध ठहराया।
20. फिर उसने कहा जो मनुष्य के मुँह में से निकलता है वही उसे अशुद्ध करता है।
21. क्योकि भीतर से , अर्थातृ मनुष्य के मन से, बुरे विचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, पराई स्त्री।
22. लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, निंदा, अभिमान, झूठी गवाही और मूर्खता निकलती है।
23. यही सब बुरी बाते भीतर से निकलती है और मनुष्य को अशुद्ध करती है।
Click Here To Read - ENGLISH LANGUAGE
CLICK BUY: - HINDI BIBLE
CLICK BUY: - ENGLISH BIBLE
MORE READ:- JUSTICE WITH WARNING
PART - 8
PART - 7
PART - 6
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/2342020-six-last-warning-commands-hindi.html
PART - 5
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/2142020-fifth-last-warning-accursed.html
PART - 4
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/1942020-fourth-last-warning-donation.html
PART - 3
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/1642020-third-last-warning-divorces.html
PART - 2
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/04/1342020-certain-time-and-injustice.html
PART - 1
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/04/942020-last-warning-carona.html
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/2342020-six-last-warning-commands-hindi.html
PART - 5
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/2142020-fifth-last-warning-accursed.html
PART - 4
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/1942020-fourth-last-warning-donation.html
PART - 3
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/05/1642020-third-last-warning-divorces.html
PART - 2
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/04/1342020-certain-time-and-injustice.html
PART - 1
https://johnsonchd1.blogspot.com/2020/04/942020-last-warning-carona.html